ऐ हसीन चाँद मेरे दोस्त को एक तोहफा देना,
लाखो तारों की सजी महेफिल संग रोशनी करना,
तुम छुपा लेना अँधेरे को ऐसे,
हर रात के बाद एक खुबसूरत सँवेरा देना.
गलती से पंखे का बटन क्या
दब गया...
....पूरा परिवार यूँ देखने लग
गया जैसे मैं कोई आतंकवादी
हूँ ..
जीवन की वास्तविकता बस इतनी सी है
बचपन मे होम वर्क जवानी मे होम लोन और बुढापे में होम अलोन
ही रह जाता है...
सुप्रभात!
आसमां पे ठिकाने किसी के नहीं होते !
जो ज़मीं के नहीं होते वो कहीं के नहीं होते !
सुप्रभात ॥