जब खामोश आँखो से बात होती है,ऐसे ही मोहब्बत की शुरुआत होती है,तुम्हारे ही ख़यालो में खोए रहते हैं,पता नही कब दिन और कब रात होती है...
हो चुकी रात अब सो भी जाइएजो हैं दिल के करीब उनके ख्यालों में खो जाइएकर रहा होगा कोई इंतज़ार आपकाख़्वाबों में ही सही उनसे मिल तो आइये.
चाहत तुम्हारी - रविवार की तरहहकीकत जिंदगी - सोमवार की तरह...!!
रात गुमसुम हैं मगर चाँद खामोश नहीं,कैसे कह दूँ फिर आज मुझे होश नहीं,ऐसे डूबा तेरी आँखों के गहराई में आज,हाथ में जाम हैं,मगर पिने का होश नहीं.