लो बसंत फिर आई, फूलों पर रंग लायी,
बजे जल तरंग मन पर उमंग छायी लो वसंत फिर आई।
सूरज हर शाम को ढल ही जाता है ,
पतझड बसंत में बदल ही जाता हे ,
मेरे मन मुसीबत में हिम्मत मत हारना
समय कैसा भी गुजर ही जाता है…
पीले पीले सरसों के फूल, पीली उड़े पतंग,
रंग बरसे पीला और छाये सरसों सी उमंग।
आपके जीवन में रहे सदा बसंत के रंग।
बसंत पंचमी की हार्दिक शुभकामनाएं।
हैप्पी बसंत पंचमी।
बलबुध्धि विद्या देहू मोहि
सुनहु सरस्वती मातु
राम सागर अधम को
आश्रय तूही देदातु!!
लेकर मौसम की बहार
आया बसंत ऋतू का त्योहार
आओ हम सब मिलके मनाये
दिल में भर के उमंग और प्यार
बसंत पंचमी की हार्दिक शुभकामनाएं
हैप्पी बसंत पंचमी....