कभी ग़म तो कभी तन्हाई मार गयी,
कभी याद आ कर उनकी जुदाई मार गयी,
बहुत टूट कर चाहा जिसको हमने,
आखिर में उनकी ही बेवफाई मार गयी
अब कभी हम ना मिलेंगेएक बार जुदा होने के बादअब बता देना मुश्किलों को भीनया घर तलाश कर लोसारी मुश्किलें ख़त्म हो जाएँगीतुझसे बिछड़ने के बाद
अब तो शायद ही मुझसे मुहब्बत करेगा कोई
तेरी तस्वीर जो मेरी आखों में साफ़ नजर आती है
उसने महबूब ही तो बदला है फिर ताज्जुब कैसा ???
दुआ कबूल ना हो तो लोग खुदा तक बदल लेते है !!!