Woh raat dard aur sitam ki raat hogi,Jis raat rukhsat unki baraat hogi,Uth jata hun main ye sochkar neend se aksar,Ki ek gair ki baahon mein meri sari kayanat hogi!
आलम तो ये न था कि दूरियाँ इतनी बढ़ जाये,पर बेक़रारी ने तो हद कर दी।
आलम तो ये न था कि दूरियाँ इतनी बढ़ जाये,
पर बेक़रारी ने तो हद कर दी।
पति :- कहाँ गयी थी??पत्नी :- रक्तदान करने...पति :- पीती थी तब तक तो ठीक था, अब बेचने भी लगी...!
तेरे ख्याल से खुद को छुपा के देखा है,दिल-ओ-नजर को रुला-रुला के देखा है,तू नहीं तो कुछ भी नहीं है तेरी कसम,मैंने कुछ पल तुझे भुला के देखा है।
उसके इकरार का इंतजार है मुझे
जाने क्यूँ उससे इतना प्यार है मुझे
ऐ खुदा कब आएगा वो हसीन पल
जब वो खुद कहेगी जान तुमसे प्यार है मुझे