ॐ = प्रणवभूर = मनुष्य को प्राण प्रदाण करने वालाभुवः = दुख़ों का नाश करने वालास्वः = सुख़ प्रदाण करने वालातत = वह, सवितुर = सूर्य की भांति उज्जवलवरेण्यं = सबसे उत्तमभर्गो = कर्मों का उद्धार करने वालादेवस्य = प्रभुधीमहि = आत्म चिंतन के योग्य (ध्यान)धियो = बुद्धि, यो = जो, नः = हमारी, प्रचोदयात् = हमें शक्ति दें (प्रार्थना)
Magar
rani sirf badsah ki hi hoti haii..
A lovely thing about Christmas� is that it’s compulsory, like a thunderstorm� and we all go through it together. Lets buckle up and enjoy the ride.
बिन बात के ही रूठने की आदत है,
किसी अपने का साथ पाने की चाहत है,आप खुश रहें, मेरा क्या है..मैं तो आइना हूँ, मुझे तो टूटने की आदत है।