दरियाई घोड़े को जल का घोड़ा भी कहा जाता है क्योंकि यह अपने जीवन का अधिकांश समय जल में रहकर बताता है.
दरियाई घोड़े स्वभाव से बेहद आक्रामक किस्म के होते हैं. उदाहरण के तौर पर अगर आप इनके पास जाते हैं तो यह यकीनन आप पर हमला कर सकते हैं.
आपको जानकर हैरानी होगी अफ्रीका जैसे देशों में दरियाई घोड़े की चर्बी का उपयोग हीरा चमकाने में किया जाता है.
क्या आप जानते हैं दरियाई घोड़े का मुंह 5 फीट तक खुल सकता है.
दरियाई घोड़े शाकाहारी जीवों की श्रेणी में आने वाले जानवर हैं यह भोजन में घास, पत्तिया, टहनिया व् पेड़ -पौधे इत्यादि खाते हैं.
दरियाई घोड़े एक दिन में 150 पौंड तक घास खा सकते हैं.
दरियाई घोड़े की चमड़ी के नीचे चर्बी की एक मोटी परत होती है. जिससे गुलाबी रंग का तरल निकलता रहता है.
क्या आप जानते हैं दरियाई घोड़ा हाथी और गैंडे के बाद पृथ्वी पर पाए जाने वाला तीसरा सबसे बड़ा स्थल पर रहने वाला स्तनधारी जीव है.
एक स्वस्थ हिप्पो 50 वर्ष तक जी सकता है.
दरियाई घोड़े की चर्बी 2 इंच तक मोटी होती है और यह बेहद सख्त होती है. उदाहरण के तौर पर दरियाई घोड़े पर किए गए भाले का वार कभी कामयाब नहीं हो सकता.
क्या आप जानते है एक स्वस्थ हिप्पो आकार में 12 फ़ीट लम्बा व् 5 फ़ीट तक चौड़ा हो सकता है.
दरियाई घोड़ा एक सामाजिक प्राणी है और यह झुंड में रहना पसंद करते हैं. इनके एक झुंड में 30 से 40 नर व मादा दरियाई घोड़े हो सकते हैं
क्या आप जानते हैं दरियाई घोड़े अफ्रीका के मूल निवासी है और अफ्रीका का सबसे खतरनाक जानवर भी इन्हें ही माना जाता है.
आपको जानकर हैरानी होगी एक दरियाई घोड़े का वजन लगभग 4 टन तक हो सकता है.
दरियाई घोड़े भारी भरकम शरीर होने के बावजूद भी तेज दौड़ना जानते हैं और यह अधिकतम 30 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ सकते हैं.
दरियाई घोड़ा असल में घोड़े के परिवार से संबंध ना रखकर यह जानवर डॉल्फिन व् व्हेल के परिवार से संबंध रखता है.