Facts about Munshi Premchand In Hindi, मुंशी प्रेमचंद के बारे में रोचक तथ्य

FACTS ABOUT MUNSHI PREMCHAND IN HINDI, मुंशी प्रेमचंद के बारे में रोचक तथ्य

FCT-6645

मुंशी प्रेमचंद ने अपना पहला साहित्यिक काम गोरखपुर से उर्दू में शुरू किया था।

FCT-6642

मुंशी प्रेमचंद के बचपन का नाम धनपत राय था।

FCT-6647

मुंशी प्रेमचंद की पहली रचना “सोज-ए-वतन” थी।

FCT-6650

कलम के जादूगर मुंशी प्रेमचंद शिक्षक की पहली पोस्टिंग वही हुई थी, जहां उन्‍होंने प्राथमिक शिक्षा ली थी।

FCT-6652

1910 में, जब प्रेमचंद की रचना सोजे-वतन (राष्ट्र का विलाप) के लिए जिला कलेक्टर ने उन्हें तलब किया और उन पर जनता को भड़काने का आरोप लगाकर , सोजे-वतन की सभी प्रतियाँ जब्त कर नष्ट कर दी गईं।

FCT-6644

मुंशी प्रेमचंद अपने अंतिम दिनों में भी वे साहित्य से ही जुड़े रहे।

FCT-6653

प्रेमचंद जी ने अपने करियर की शुरुआत एक बुक शॉप पर सेल्स बॉय के रूप में की थी ताकि उन्हें ज्यादा से ज्यादा किताबें पढ़ने का मौका मिल सके।

FCT-6651

मुंशी प्रेमचंद जी ने महात्‍मा गांधी के ओजस्‍वी भाषण सुनकर इतने प्रभावित हो गए थे, कि उन्‍होंने अंग्रेजी हुकूमत में सरकारी नौकरी से त्‍यागपत्र दे दिया और स्‍वतंत्र लेखन करने लगे।

FCT-6648

बीमार रहने के बावजूद भी उनकी एक ही ख्वाहिश थी, कि अपने अंतिम उपन्यास “मंगल सूत्र” को ख़तम करें परन्तु दुर्भाग्यवश ऐसा हो नहीं पाया।

FCT-6649

मुंशी प्रेमचंद द्वारा लिखी गयी “गोदान” भारतीय ही नहीं बल्कि विश्व साहित्य के सबसे बड़े धरोहरों में से एक बनी हुई है।

FCT-6643

मुंशी प्रेमचंद का जन्म साल 1880 में 31 जुलाई को वाराणसी के एक छोटे से गांव लमही में हुआ था।

FCT-6646

इस बात को बहुत कम लोग जानते हैं कि प्रेमचंद ने हिंदी से पहले उर्दू में लिखना शुरु किया था।