Na Samet Sakoge Qayamat Tak Jise Tum,
Kasam Tumhari Tumhein Itni Mohabbat Karte Hain.
मुश्किलें दिलो के इरादे आज़माएगी
ख्वाबो के परदे निगाहो से हटाएगी
गिरकर तुझे है समभलना
यह ठोकरें ही तुझे चलना सिखाएगी…
भरोसा क्या करना गैरों पर,जब गिरना और चलना है अपने ही पैरों पर।
अब आ गए हो आप तो आता नहीं कुछ याद, वरना कुछ हमको आप से कहना ज़रूर था।