किसी ने हम से पुछा इतने छोटे से दिल मे
इतने सारे दोस्त कैसे समां जाते है….!!!
हम ने कहा वैसे ही जैसे छोटी सी हथेली मे
तकदीर की लकीरें बन जाती है….!!
अगर तुम अपने पापा की “परी”हो, तो हम भी अपने बाप के “नवाब” है !
तू मेरे दिल पे हाथ रख के तो देख,
मैं तेरे हाथ पे दिल ना रख दूँ तो कहना..!!
maykhana na milla to kyu tarasta hai sharabi,jaam tujhe hum pilla denge.bus fark itna hoga ki, kanch ke paimane ki jagah, husn ki nigahe hongi.
SORRY शब्द कितना विचित्र है ना?
सबने बोला तो अच्छा…
और
डॉक्टर ने बोला तो खेल खत्म!!