मेरे ख़ामोश खयालों का अहसास बन कर,
काश गुम हो जाये मुझमें कोई अल्फ़ाज़ बन कर!
Raat Karwaten Badal Kar Guzar Jati Hai
Teri Baahon Me Soone Ko Ji Chahta Hai
Na Jane Ye Ishq Ki Kaun Si Manzil Hai
Har Waqt Tujh Pe,Jaan Nichawar Karne Ko Ji Chahta Hai.!
नहीं ‘मालूम ‘हसरत है या तू मेरी मोहब्बत है,बस इतना जानता हूं कि मुझको तेरी जरूरत है।
आँखों में रहा दिल में उतर कर नहीं देखा
कश्ती के मुसाफिर ने समंदर नहीं देखा
पत्थर मुझे कहता है मेरा चाहने वाला
मैं मोम हूँ उसने मुझे छू कर नहीं देखा
एक पल का एहसास बनकरआते हो तुम दूसरे ही पल ख्वाब बनकर उड़ जाते हो तुम जानते हो की लगता है डर तन्हाइययों से फिर भी बारबार तन्हा छोड़ जाते हो तुम..