ना मुस्कुराने को जी चाहता हैं,
ना कुछ खाने-पीने को जी चाहता हैं,
अब ठंड बर्दास्त नही होती,
सब कुछ छोडकर रजाई में घुस जाने को जी चाहता हैं
संता: यार मैं तो मुश्किलों में फंस गया हूं?
बंता: अरे क्या हुआ?
संता: बीवी मेकअप करे तो खर्चा बर्दाश्त नही होता और ना करे तो बीवी बर्दाश्त नहीं होती।
मन ही मन करती haiबातें,
Dil ki हर एक बात कह जाती हूँ,
एक बार ले लो बाहों मै अब तो सजना,यहीं हर बात कहते कहते रुक जाती हूँ |