एक औरत ने हिरनी का मटन पकायाबच्चे ने पूछा - ये क्या चीज पकाई हैऔरत - नाम नहीं बताऊगी लेकिन हिंट देती हूं
जो सही जवाब देगा उसे चाकलेट दूगीं.और शरमाते हुए हिंट दिया -
ये वो है जो तुम्हारे पापा अकसर मुझे प्यार से कहते थेएक बच्चा चिल्लाया - कोई मत खाना रे कुतिया पकी है कुतिया
तालीम नहीं दी जाती
परिंदो को उड़ानों की……..
वह तो खुद ही समझ
जाते हैं उच्चै आसमानो की…
उसका दामन है बड़ा… दिया उसने अपना प्यार सारा
कहलाई वो स्त्री, कहलाई वो एक नारी
बनकर एक आर्दश उसने किया जग में उजियारा
हैप्पी इंटरनेशनल वुमेन्स डे।
दिल दिया था जिसको दीवानी समझ कर,खा गयी वो ब्रियानी समझ कर,एक कतरा भी ना छोड़ा खून का,पी गयी उसको भी निम्बू पानी समझ कर ||
जब भक्ति भोजन में मिलती है, तो प्रसाद बन जाता है,
जब पानी में मिलती है, तो चरणामृत बन जाता है,
जब घर में मिलती है, तो मंदिर बन जाता है,
जब व्यक्ति में मिल जाता, तो वह भक्त बन जाता है।