अब मत खोलना मेरी ज़िंदगी की पुरानी किताबों को..
जो था वो मैं रहा नहीं, जो हूं वो किसी को पता नहीं!
जो अपना है ही नहीं, उस पर हक़ क्या जताना !
जो तकलीफ न समझे उसे, दर्द क्या बताना !
इंसान की सबसे बड़ी हार तब हो जाती है,
जब उसे पता चलता है कि जिसे हम सब कुछ
समझते है उसके लिए हम,
कुछ भी नहीं है !
पलकों से रास्ते के काटे हटा देंगे,
फूलों को क्या हम अपना दिल बिछा देंगे।
टूटने ना देंगे अपनी दोस्ती को कभी,
बदले में हम खुद को मिटा लेंगे।।
आँखों में रहा दिल में उतर कर नहीं देखा
कश्ती के मुसाफिर ने समंदर नहीं देखा
पत्थर मुझे कहता है मेरा चाहने वाला
मैं मोम हूँ उसने मुझे छू कर नहीं देखा