ऐसा लगता है, हर इम्तिहाँ के लिए,
किसी ने जिन्दगी को हमारा पता दे दिया है
मज़ा बरसात का चाहो तो इन आँखों में ना बैठोवो बरसो में कभी बरसे, यह बरसो से बरसती है|
Dhokha Mila Jab Pyar Mein;
Zindagi Mein Udaasi Chaa Gayi;
Socha Tha Chhod Dein Is Raah Ko;
Kambhakht Mohalley Mein Dusri Aa Gayi!
आँखें खुली हो तो चेहरा आपका हो, आँखें बध हो तो सपना आपका हो, हमे मौत का ना दर्र ना ख़ौफ्फ होगा, अगर कफ़न की जगह दुपट्टा आपका हो !