जख़्म इतना गहरा हैं इज़हार क्या करें।
हम ख़ुद निशां बन गये ओरो का क्या करें।
मर गए हम मगर खुली रही आँखे हमरी।
क्योंकि हमारी आँखों को उनका इंतेज़ार हैं।
चलो फ़िर से हौले से मुस्कुराते हैं,बिना माचिस के ही लोगों को जलाते हैं।
हम दिलफेक आशिक़ हर काम में कमाल कर दे,जो वादा करे वो पूरा हर हाल में कर दे,क्या जरुरत है लड़कियों को लिपस्टिक लगाने की,हम चूम-चूम के ही होंठ लाल कर दें….
हम दिलफेक आशिक़ हर काम में कमाल कर दे,
जो वादा करे वो पूरा हर हाल में कर दे,
क्या जरुरत है लड़कियों को लिपस्टिक लगाने की,
हम चूम-चूम के ही होंठ लाल कर दें….
ठण्ड में वादा नही करते कि दोस्ती निभायेंगे,
जरूरत पड़ी तो सब कुछ ले लो,
पर रजाई न दे पायेंगे....
आँखों में मंज़िलें थी
गिरे और सँभालते रहे..
आँधियों में क्या दम था
चिराग हवा में भी जलते रहे…