हर ख्वाहिश हो मंजूर-ए-खुदा
मिले हर कदम पर रजा-ए-खुदा
फना हो लब्ज-ए-गम यही हैं दुआ
बरसती रहे सदा रहमत-ए-खुदा |
ज़िन्दगी के हाथ नहीं होते..
लेकिन कभी कभी वो ऐसा थप्पड़ मारती हैं जो पूरी उम्र याद रहता हैं.
वर्षों से दहलीज़ पर कड़ी वो मुस्कान है,
जो हमारे कानो में धीरे से कहती है,
“सब अच्छा होगा”
दांतों को आराम देकर देखिए आपका स्वास्थ्य सुधर जाएगा
जिव्हा पर विराम लगा कर देखिए आपका क्लेश का कारवाँ गुज़र जाएगा
जीवन में किसी को रूलाकरहवन भी करवाओगे तो कोई फायदा नहींऔरअगर रोज किसी एक आदमी को भी हंसा दियातो आपको अगरबत्ती भी जलाने की जरूरत नहीं!