हमने उनसे कहा की अब छोड़ दो या तोड़ दो हमें ।
उन्होंने हंस कर गले लगाया और कहा …
छोड़ तो हम रहे हैं….
टूट तो अपने आप जाओगे..... ।
ऐ खुदा लोग बनाये थे पत्थर के अगर,
मेरे एहसास को शीशे का न बनाया होता।
चलो ज़िन्दगी को जिंदादिली से जीने के लिए एक छोटा सा उसूल बनाते हैं,
रोज़ कुछ अच्छा याद रखते हैं, और कुछ बुरा भूल जाते हैं।
नज़रें मिल जाएं तो प्यार हो जाता है,
पलकें उठ जाएं तो इज़हार हो जाता है,
ना जाने क्या कशिश है आपकी चाहत में,
कि कोई अनजान भी...
हमारी ज़िन्दगी का हक़दार हो जाता है।
दुनिया में उर्दू के बाद सिर्फ होटल का ...
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मेन्यू कार्ड ही है जिसे हम दाएं से बाएं पढ़ते हैं!