हमने उनसे कहा की अब छोड़ दो या तोड़ दो हमें ।
उन्होंने हंस कर गले लगाया और कहा …
छोड़ तो हम रहे हैं….
टूट तो अपने आप जाओगे ।
इस अदा से गर क़तल करोगे,
बे-मौत ही मर जायेंगे परवाने,
शमा रोशन तो हो एक बार,
देखें कितना दम है तेरी रोशनी में..
रजाई खींचना देशद्रोह के बराबर…
उसके बाद किसी ने चाय
नही पिलायी
तो “असहिष्णुता माना” जाये…
“हमेँ कँहा मालूम था क़ि इश्क़ होता क्या है..!बस, एक ‘तुम’ मिले और ज़िन्दगी…मुहब्बत बन गई!.!”
कहा ये किसने कि फूलों से दिल लगाऊं मैं,
अगर तेरा ख्याल ना सोचूं तो मर जाऊं मैं,
माँग ना मुझसे तू हिसाब मेरी मोहब्बत का,
आ जाऊं इम्तिहान पर तो हद्द से गुज़र जाऊं मैं।