मुहमाँगा दाम दूंगा यारों
मुझे इक ऐसे काबिल
सपेरे से मिलवा दो …
कि जो आस्तीन में छुपे
साँपों को बाहर निकाल सके
नादान इनकी बातो का एतबार ना कर,भूलकर भी इन जालिमो से प्यार ना कर,वो क़यामत तलक तेरे पास ना आयेंगे,इनके आने का नादान तू इन्तजार ना कर!
“लोग क्या कहेंगे”- ये बात इंसान को आगे नहीं बढ़ने देती
चलो फ़िर से हौले से मुस्कुराते हैं,बिना माचिस के ही लोगों को जलाते हैं।
Main Chahta Hun Aik Aasiyana HoJo Wabasta Sirf Tum Se Ho