तू मुहब्बत है मेरी इसलिए दूर है मुझसे
अगर जिद होती तो अब तक बाँहों में होती
स्वयं को ऐसा बनाओ, जहाँ तुम हो, वहां तुम्हें सब प्यार करे,
जहाँ से तुम चले जाओ, वहां सब तुमें याद करें,
जहाँम पहुँचने वाले हो, वहां सब तुम्हारा इंतज़ार करें।
सफलता का कोई पैमाना नहीं होता –
एक गरीब बाप का बेटा बड़ा होकर ऑफिसर बने पिता के लिए यही सफलता है।
जिस इंसान के पास कुछ खाने को ना हो वो सुख पूर्वक 2 वक्त की रोटियां जुटा ले ये भी सफलता है
कोई पुछ रहा हे मुजसे मेरी जीन्दगी की कीमंत....मुझे याद आ रहा है तेरा हल्के से मुस्कुराना......
ना तलवार की धार से ना गोलियों की बौछार से, बंदा डरता है तो सिर्फ अपने बाप की मार से।