थोड़ी थोड़ी 'गुफतगू' करते रहिये सभी दोस्तों से..
'जाले' लग जाते है अक्सर बंद मकानों में..
ये मुहब्बत कब, किससे हो जाये इसका अंदाजा नहीं होता
ये वो घर है जिसका कोई दरवाजा नहीं होता
जाड़े की रुत है नई तन पर नीली शाल
तेरे साथ अच्छी लगी सर्दी अब के साल...
Jb Barish Hoti Hy,
Tum Yaad Aty Ho Jb Kaali Ghaata Chayye,
Tum Yaad Aty Ho, Jb Bheegty Hain Tum Yaad Aty Ho,
Baatao Meri Umbrella Kb Wpis Kro Gy..!!!
उनसे बात करके जिस कदर दिल को चैन आता है,
इतना असर तो की दवा भी नही दिखा पाता है