सारा जहां है जिसकी शरण में,
नमन है उस माँ के चरण में,
हम है उस माँ के चरणों की धूल,
आओ मिलकर माँ को चढ़ाएं
श्रद्धा के फूल।
शुभ नवरात्रि.
Pyar वो नहीं जो कोई कर रहा है
प्यार वो है जो कोई निभा रहा है!!
अहंकार” और “संस्कार” में फ़र्क़ है…
“अहंकार” दूसरों को झुकाकर कर खुश होता है,
“संस्कार” स्वयं झुककर खुश होता है..!
Tujhe Dekhe Bina Teri Tasveer Bana Sakta Hoon,
Tujhse Mile Bina Tera Haal Bata Sakta Hoon,
Hai Meri Dosti Mein Itna Dum,
Apni Aankh Ka Aansu Teri Aankh Se Tapka Sakta Hoon.