कभी शोख हैं,
कभी गुम सी है..
ये बारिशे भी तुम सी है..
आंटी : और बेटा पढ़ाई कैसी चल रही है? गोलू : छुट्टियां हैं। आंटी : कैसी छुट्टियां? गोलू : आईआईएन से पढ़ रहा हूं और अभी नेट पैक खत्म है।
आज किसी की दुआ की कमी है,तभी तो हमारी आँखों में नमी है,कोई तो है जो भूल गया हमें,पर हमारे दिल में उसकी जगह वही है..
उठाये जो हाथ उन्हें मांगने के लिए,
किस्मत ने कहा, अपनी औकात में रहो।