दिल की खिड़की से बाहर देखो ना कभी
बारिश की बूँदों सा है एहसास मेरा…
घनी जुल्फों की गिरह खोलो ना कभी
बहती हवाओं सा है एहसास मेरा….
छूकर देखो कभी तो मालूम होगा तुम्हें
सर्दियों की धूप सा है एहसास मेरा ।
मास्टर – आज तुमको मुहावरे पढ़ाऊंगा
“हाथ कंगन तो आरसी क्या”
इस मुहावरे का अर्थ कौन बतायेगा ?
पप्पू – मैं बताऊँ मास्टर जी
मास्टर – हां बता
पप्पू – हाथ कंगन तो आरसी क्या…
इसका मतलब
जो लड़कियां हाथ में कंगन पहनकर
स्कूटी चलाती हैं
पुलिस उनसे आर सी नहीं मांगती…
मास्टर बेहोश…
है मौसम प्यार का थोड़ा प्यार तो कर लो
करते हो मोहब्बत अगर तो बाहों में तो भर लो
चलो मेरे संग सपनो की दुनिया में घूम लो
रोज़ हम चूमा करते हैं आज तुम हमे चूम लो
मुस्कुराता रहु मैं तेरी नज़रो से नज़रे मिलाकरकभी सीने से, तो कभी अपने होंठो से लगाकरनादान दिल की बेकरारी में बस तेरा हो जाउऔर ज़िन्दगी का हर पल मैं गुजारूं तेरे करीब आकर.!
उमंग दिल में और आँखों में है प्यार
खुशियाँ लेकर आया बसंत का त्योंहार
शरद की फुहार, किरणें सूरज की
हो शुभकामना आपको बसंत की