Bade hi chupke se bheja tha,Mere mehbub ne muje ek gulab,Kambhakht uski khusbu ne ,Sare shehar me hungama kar diya
इच्छाओं को थोड़ा घटाकर देखिए
आपको खुशियों का संसार नज़र आएगा
मत पूछ कैसे गुज़र रहा है हर पल मेरा तेरे बिना,कभी बात करने की हसरत कभी मिलने की तमन्ना…
उसको चाहा पर इजहार करना नही आया,
कट गयी उम्र हमें प्यार करने नही आया,
उसने कुछ माँगा भी तो मागी रजाई,
और हमे इंकार करना नही आया....
“Alfaaz To Bahut Hain
Mohabbat Bayan Karne Ke Liye..
Par Jo Khamoshi Nahi Samjh
Sakte, Wo Alfaaz Kya Samjhenge..!!