अगर "कुबूल कुबूल कुबूल" बोलने से शादी हो जाती है और "तलाक़ तलाक़ तलाक़" बोलने से तलाक़ हो जाती है तो "मरजा मरजा मरजा" भी काम करना चाहिए...
मुहब्बत खूबसूरत होती होगी किसी और ज़माने में
हमपे जो गुजरी है वो हम ही जानते हैं
तेरे गम को अपनी रूह में उतार लूँ,जिन्दगी तेरी चाहत में सवार लूँ,मुलाकात हो तुझ से कुछ इस तरह,तमाम उमर बस इक मुलाकात में गुजार लूँ।
आपके हाथों से कोई छीन सकता है
लेकिन जो नसीब में है उसे कोई नहीं छीन सकता...
Bin tere mujko Zindagi se khauff lagta hai
Kisto Kisto mein marr raha hu aisa roz lagta hai…