सोचा था छुपा लेंगे गम को पर कमबख्त आँखों ने ही बग़ावत कर दी|
रोज़ ये दिल बेकरार होता है,काश के तुम समझ सकते कीचुप रहने वालो को भी किसी से प्यार होता है...
कुछ अजीब सा रिश्ता है
उसके और मेरे दरमियां
ना नफरत की वजह मिल रही है
ना मोहब्बत का सिला
दो मुलाकात क्या हुई हमारी तुम्हारी,निगरानी में सारा शहर लग गया।
जिस्म से होने वाली मोहब्बत का इज़हार आसान होता है
रूह से हुई मोहब्बत समझने में ज़िन्दगी गुजर जाती है