अच्छा-खासा ध्यान पढ़ाई पर लगाने की सोच रहा था.....अंबानी ने जियो सिम की शुरूआत करके फिर सत्यनाश कर दिया...
ऑफिसर: देखो हमें चौकीदार ऐसा चाहिए जो समझदार हो, चुस्त हो, चालाक हो और जरूरत पड़ने पर जिसे हम डांट भी सकें। यदि तुम्हारे अंदर यह गुण हो तो तुम्हें हम शामिल कर सकते हैं।
उम्मीदवार: साहब यह सब गुण हमारी बीवी में हैं कहो तो उसे बुला लाऊं।
उमीद तो हमने ये की थी,
में राँझा तेरा तू मेरी हीर बने,
पर शायद खुद को ये मंज़ूर न था,
की तू मेरी तकदीर बने!
देखो, आहिस्ता चलो, और भी आहिस्ता ज़रादेखना, सोच-सँभल कर ज़रा पाँव रखना,ज़ोर से बज न उठे पैरों की आवाज़ कहीं.काँच के ख़्वाब हैं बिखरे हुए तन्हाई में,ख़्वाब टूटे न कोई, जाग न जाये देखो,जाग जायेगा कोई ख़्वाब तो मर जाएगा
कुछ इस तरह से वफ़ा की मिसाल देता हूँ
सवाल करता है कोई तो टाल देता हूँ
उसी से खाता हूँ अक्सर फरेब मंजिल का
मैं जिसके पाँव से काँटा निकाल देता हु …