If money help a man to do good to others, it is of some value; but if not, it is simply a mass of evil, and the sooner it is got rid of, the better.
वक़्त नूर को बेनूर बना देता है, छोटे से जख्म को नासूर बना देता है,
कौन चाहता है अपनों से दूर रहना पर वक़्त सबको मजबूर बना देता है.
खुदा तुझसे फरियाद करता हूँ,
उसकी याद मे खुदको बर्बाद करता हूँ,
दुआ है मेरी उसे खुश रखना क्यूँकि उस हुस्न का सजदा मैं तेरे बाद करता हूँ.
लिख रहा हूं मैं अजांम जिसका कल आगाज आयेगा, मेरे लहू का हर एक कतरा इकंलाब लाऐगा ,मैं रहूँ या ना रहूँ पर ये वादा है तुमसे ,मेरा कि मेरे बाद वतन पर मरने वालों का सैलाब आयेगा|