“नही है हमारा हाल,
कुछ तुम्हारे हाल से अलग,
बस फ़र्क है इतना,
कि तुम याद करते हो,
और हम भूल नही पाते.”
उमीद तो हमने ये की थी,
में राँझा तेरा तू मेरी हीर बने,
पर शायद खुद को ये मंज़ूर न था,
की तू मेरी तकदीर बने!
पत्नी चारपाई पर सो रही थी
अचानक नीचे गिर पड़ी
पति – अरी क्या हुआ क्यों लुढ़क गयी
पत्नी – अरे देखा नहीं भूकंप से
चारपाई हिल गयी थी
पति – क्यों झूठ बोल रही है,,
तू गिरी है इसी वजह से तो भूकंप आया है
लाखों तूफान उठे है इस दिल में
तुजे देखने के बाद
काश
जुल्फों की काली घटाओं से ढक पाऊ
ये चाँद सा चेहरा तेरा