निकलो गलियों में बना कर टोली
भिगा दो आज हर एक की झोली
कोई मुस्कुरा दे तो उसे गले लगा लो
वरना निकल लो, लगा के रंग कह के हैप्पी होली
जमाई ससुराल में खाना खाते वक़्त:
आज खाना सासुमाँ ने बनाया है क्या.?
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बीवी - अरे वाह! कैसे पहचाना... ?
जमाई - अरे जब तुम बनाती हो तो
खाने में से काले बाल निकलते हैं
आज सफ़ेद बाल निकला है....
कितनी जल्दी ये शाम आ गई;
गुड नाईट कहने की बात याद आ गई;
हम तो बैठे थे सितारों की महफ़िल में;
चाँद को देखा तो आपकी याद आ गई.
एक फूल अजीब था,
कभी हमारे भी बहुत करीब था,
जब हम चाहने लगे उसे,
तो पता चला वो किसी दूसरे का नसीब था ।