बिखरा वज़ूद, टूटे ख़्वाब, सुलगती तन्हाईयाँ …. कितने हसींन तोहफे दे जाती है ये अधूरी मोहब्बत।
यूं तो हर दिल में एक कशिश होती है
हर कशिश में एक ख्वाहिश होती है
मुमकिन नहीं सभी के लिए ताज महल बनाना
लेकिन हर दिल में एक मुमताज़ होती है
तरस आता है मुझे अपनी मासूम सी पलकों पर,जब भीग कर कहती है की अब रोया नहीं जाता।
जब इश्क और क्रांति का अंजाम एक ही है तो राँझा बनने से अच्छा है भगतसिंह बन जाओ
अरमान ही बरसो तक जला करते है हमेशा ,
इंसान तो इक पल मे खाक हो जाता है !!