बाप अपने बेटे को पीट रहा था
पड़ोसी बोला यार क्यों पीट रहे हो
बाप: अगले हफ्ते हरामखोर
का रिजल्ट है
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और मैं बाहर जा रहा हूँ _
ना ज़रुरत है चाँद सितारों की , ना ज़रूरत है फालतू यारों की , एक दोस्त चाहिए आपके जैसा ,जो watt लगा दे हज़ारों की… Happy New Year
वो अपनी ज़िंदगी में हुआ मशरूफ इतना;
वो किस-किस को भूल गया उसे यह भी याद नहीं।
तुझको नमन ऐ मेरे वतन, महिमा तेरी मैं क्या कहूं?
तेरे गुणों का गुणगान, मैं हरदम यूं ही करती रहूं।
गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएं
खिड़की से झांकता हूँ मै, सबसे नज़र बचा कर
बेचैन हो रहा हूँ, क्यों घर की छत पे आ कर
क्या ढूँढता हूँ, जाने क्या चीज खो गई है,
इन्सान हूँ, शायद मोहब्बत हमको भी हो गई।