वो बचपन भी क्या दिन थे मेरे..! न फ़िक्र कोई..न दर्द कोई..!! बस खेलो, खाओ, सो जाओ..! बस इसके सिवा कुछ याद नहीं..!
Hasai to hasi lav,
Radai to radi lav,
Sangraam chhe jindagi,
Ladai to ladi lav.
खुशनसीब हैं वो जो वतन पर मिट जाते हैं, मरकर भी वो लोग अमर हो जाते हैं, करता हूँ उन्हें सलाम ए वतन पे मिटने वालों, तुम्हारी हर साँस में तिरंगे का नसीब बसता है.
मैंने तेरा नाम लेकर
ही सारे काम किये है
माँ,
और लोग समझते है
कि, बंदा बहुत किस्मत वाला है ।