चेहरे अजनबी हो जाये तो कोई बात नही
लेकिन रवैये अजनबी हो
जाये तो बडी तकलीफ देते हैं
चल कोई बात नही,
तू जो मेरे साथ नहीं,
मैं रो पडू तेरे जाने के बाद,
इतनी भी तेरी औकात नहीं!!
सीतल-सीतल वायु चली,
आकाश हुआ सुहाना,
अनपढ़ भी व्हाट्सऐप पढ़ने लगे,
शिक्षित हुआ ज़माना....
मैं कुछ लम्हा और तेरे साथ चाहता था;
आँखों में जो जम गयी वो बरसात चाहता था;
सुना हैं मुझे बहुत चाहती है वो मगर;
मैं उसकी जुबां से एक बार इज़हार चाहता था।
मैंने ज़माने के एक बीते दोर को देखा है
दिल के सुकून को और गलियों के शोर को देखा है
मैं जानता हूँ की कैसे बदल जाते हैं इन्सान अक्सर
मैंने कई बार अपने अंदर किसी ओर को देखा है।