बड़े खुशकिस्मत होते वे लोग जिन्हे
"समय" और "समझ" दोनों एक साथ मिलती है
क्यूंकि अक्सर "समय" पर "समझ" नहीं आती
और जब "समझ" आती है तो "समय" हाथ से
निकल जाता है
इसी कशमकश में गुजर जाता है दिन
कि तुमसे बात करूं
या तुम्हारी बात करूं
आज भी मेरी फरमाइशें कम नही होती,
तंगी के आलम में भी, पापा की आँखें कभी नम नहीं होती.
धागा एक बार टूट जाये तो फिर से जोड़ने पर भी गाँठ पड़ ही जाती है
उसी तरह रिश्ते एक बार टूट जाये तो फिर से जोड़ने में एक गाँठ बन ही जाती है
बारिश की बूँदें भले ही छोटी हों..
लेकिन उनका लगातार बरसना
बड़ी नदियों का बहाव बन जाता है…
वैसे ही हमारे छोटे छोटे प्रयास भी
जिंदगी में बड़ा परिवर्तन ला सकते हैं…