कोई मिला नहीं तुम जैसा आज तक,पर ये सितम अलग है की मिले तुम भी नही
रोज़ ये दिल बेकरार होता है,काश के तुम समझ सकते कीचुप रहने वालो को भी किसी से प्यार होता है...
शुभचिंतक वो नही होते जो आपसे रोज़ मिलें और बातें करें...
शुभचिंतक वो है जो आपसे रोज़ ना भी मिल सकें
फिर भी आपकी ख़ुशी के लिए प्रार्थना करें...
सुप्रभात
हुस्न वाले जब तोड़ते हैं दिल किसी का,बड़ी सादगी से कहते है मजबूर थे हम.