कुछ लोग ज़िन्दगी होते हैं,
कुछ लोग ज़िन्दगी में होते हैं,
कुछ लोगों से ज़िन्दगी होती है,
पर कुछ लोग होते हैं, तो ज़िन्दगी होती है।
अँधेरा चाहे कितना भी घना हो लेकिन
एक छोटा सा दीपक अँधेरे को चीरकर प्रकाश फैला देता है
वैसे ही जीवन में चाहे कितना भी अँधेरा हो जाये
विवेक रूपी प्रकाश अन्धकार को मिटा देता है
अब तो मज़हब कोई ऐसा भी चलाया जाए,
जिसमें इंसान को इंसान बनाया जाए|
अपनी कमियाँ पूरी दुनिया से छिपाइए,
लेकिन अपनी कमियाँ कभी खुद से मत छिपाइए
अपनी कमियाँ खुद से छिपाने का मतलब होता है,
अपने आप को खुद बर्बाद करना