आकाश से ऊँचा कौन – पिता
धरती से बड़ा कौन – माता
मुक्तसर सी ज़िन्दगी है मेरी तेरे साथ जीना चाहता हूँ,कुछ नहीं मांगता खुदा से बस तुझे मांगता हूँ.
मस्तक को थोड़ा झुकाकर देखिए आपका अभिमान मर जाएगा
आँखें को थोड़ा भिगा कर देखिए आपका पत्थर दिल पिघल जाएगा
इच्छाओं को थोड़ा घटाकर देखिए
आपको खुशियों का संसार नज़र आएगा