माँ सरस्वती का बसंत है त्योंहार
आपके जीवन में आये सदा बहार
सरस्वती द्वार आपके विराजे हरपल
हर काम आपका हो जाये सफल...
लो बसंत फिर आई, फूलों पर रंग लायी,
बजे जल तरंग मन पर उमंग छायी लो वसंत फिर आई।
सूरज हर शाम को ढल ही जाता है ,
पतझड बसंत में बदल ही जाता हे ,
मेरे मन मुसीबत में हिम्मत मत हारना
समय कैसा भी गुजर ही जाता है…
वीणा लेकर हाथ मे, सरस्वती हो आपके साथ मे,मिले माँ का आशीर्वाद आपको हर दिन,हर बार हो मुबारक़ आपको सरस्वती पूजा का ये दिन.
हलके-हलके से हो बादल, खुला-खुला सा आकाश,
मिल कर उड़ाएं पतंग अमन की,
आओ फैलायें खुशियों का पैगाम।
बसंत पंचमी की शुभकामनाएं!