हर विश्वास में विश्वास रहने दो,
जुबान पर मिठास रहने दो,
यही तो अंदाज़ है ज़िन्दगी का,
ना खुद रहो उदास, ना दूसरों को रहने दो…
मस्तक को थोड़ा झुकाकर देखिए आपका अभिमान मर जाएगा
आँखें को थोड़ा भिगा कर देखिए आपका पत्थर दिल पिघल जाएगा
“ज़िंदगी” की “तपिश” को
“सहन” कीजिए “जनाब”,
अक्सर वे “पौधे” “मुरझा” जाते हैं,
जिनकी “परवरिश” “छाया” में होती हैं…
किसी गरीब की झोली में,
जब मैंने एक सिक्का डाला,
तब पता चला कि –
महंगाई के इस दौर में,
दुआएं, आज भी कितनी सस्ती हैं।