बचपन में सब बहुत सही था यार..
ना फैशन का टेंशन,और ना ही
पढाई का,
पूरा दिन बस नंगा घूमो खाना खाओ
और रोते रहो....!!
चाहत तुम्हारी - रविवार की तरहहकीकत जिंदगी - सोमवार की तरह...!!
सुबह सुबह फेरी वाला आवाज लगा रहा था
“चाकू छुरियां तेज करा लो,
चाकू छुरियां तेज करा लो
महिला – भइया अक्ल भी तेज करते हो क्या ?
फेरी वाला – हां बहन जी,
अक्ल हो तो ले आइये
हम तो अकेले ही चले थे मंजिले सफर
लड़कियां मिलती रही शादियां होती गई।
..
कबीर बेदी
कोई वादा ना कर, कोई ईरादा ना कर!
ख्वाईशो मे खुद को आधा ना कर!
ये देगी उतना ही, जितना लिख दिया खुदा ने!
इस तकदीर से उम्मीद ज़्यादा ना कर!