मुझे ग़म भी उन का अज़ीज है,
के उन ही की दी हुई चीज़ है…
यही गम है अब मेरी जिंदगी,
इसे कैसे दिल से जुदा करू …
अपना समझो या बेगाना,
हमारा आपका हैं रिश्ता पुराना,
इसलिए मेरा फ़र्ज हैं आपको बताना,
ठंड आ गयी हैं, कृपया रोज मत नहाना.
Phalgun ka mahina, wo masti ke geet
Rangon ka mela, wo natkhat sa khel
Dil se nikalti hai ye pyaari si boli
Mubarak ho aapko ye rang bhari holi
Happy Holi to u n ur family
मुझे ना सताओ इतना कि मैं रुठ जाऊं तुमसे,
मुझे अच्छा नहीं लगता अपनी साँसों से जुदा होना।
जब हम गलत होते हैं,
तो समझौता चाहते हैं
और दूसरे गलत होते हैं...तो
हम न्याय चाहते हैं।
भूल होना प्रकृति है,
मान लेना संस्कृति है,
और सुधार लेना प्रगति है।
सुप्रभात