"मेहनत का फल"
और
"समस्या का हल"
देर से ही सही
पर मिलता जरूर है..!!
बुराई को देखना और सुनना ही
बुराई की शुरुआत है
बात वफ़ाओ की होती, तो कभी न हारते,
बात नसीब की थी, कुछ ना कर सके।
मैं आप उस इंसान को ढूंढ रहे हैं
जो आके आपकी मदद करेगा
तो शीशे के सामने खड़े हो जाएँ
आपको वो इंसान नजर आएगा
जो आपकी मदद कर सकता है
हे ईश्वर… बस एक छोटी सी दुआ है,
जिन लम्हों में, मेरे अपने मुस्कुराते हो…
वो लम्हे कभी ख़त्म न हो…