वक़्त बदलता है हालात बदल जाते हैं,
ये सब देख कर जज़्बात बदल जाते हैं
न चांद होगा ना तारे होंगे,क्या हम इस साल भी कुंवारे होंगे ,इस दुनिया में कितनों के निकाह हो गए ,क्या हमारे नसीब में सिर्फ निकाह के छुहारे होंगे।
कमाल की निशानेबाज हो तुम
तिरछी नजर से भी सीधा दिल पे वार करती हो
अब ये हसरत है कि सीने से लगाकर तुझकोइस क़दर रोऊँ की आंसू आ जाये
दिल से रोये मगर होंठो से मुस्कुरा बेठे,यूँ ही हम किसी से वफ़ा निभा बेठे,वो हमे एक लम्हा न दे पाए अपने प्यार का,और हम उनके लिये जिंदगी लुटा बेठे..