कभी कभी मिटते नही, चंद लम्हों के फांसले एहसास अगर जिन्दा हो,मिट जाती है दूरियाँ.
नींद सोती रहती है हमारे बिस्तर पे,और हम टहलते रहते हैं तेरी यादों में।
मुझको ढूंढ लेती है रोज़ एक नए बहाने से तेरी याद वाक़िफ़ हो गयी है मेरे हर ठिकाने से
उसने कहा चले जाओ
मेरी ज़िन्दगी से,
मेने कहा कौन हो तुम
भाईसाहब!!
खुद में भी तलाश किया लोगों से भी पूछा तेरे दूर जाने की वजह आज तक नहीं मिली…