इस नये साल मे खुशियों की बरसाते हो,प्यार के दिन और मोहब्बत भरी राते हो,रंजिशे नफ़रते मिट जाए सदा के लिए,सभी के दिलो में ऐसी चाहतें हो!!
रिमझिम तो है मगर सावन गायब है,बच्चे तो हैं मगर बचपन गायब है..!!क्या हो गयी है तासीर ज़माने की यारोंअपने तो हैं मगर अपनापन गायब है !
आँखों में ख़ुशी, लबों पर हंसी,
गम का कहीं नाम ना हो।
हर सुबह लाये, आपके लिए इतनी खुशियाँ,
जिसकी कभी शाम न हो।
आँखों में रहा दिल में उतर कर नहीं देखा
कश्ती के मुसाफिर ने समंदर नहीं देखा
पत्थर मुझे कहता है मेरा चाहने वाला
मैं मोम हूँ उसने मुझे छू कर नहीं देखा
जो लोग दूसरों का भला सोचते हैं
केवल उन्हीं का जीवन सफल है,
अपने लिए तो जानवर भी जीते हैं