न मेरा एक होगा , न तेरा लाख होगा,
तारिफ तेरी ,न मेरा मजाक होगा,
गुरुर न कर शाह-ए-शरीर का,
मेरा भी खाक होगा , तेरा भी खाक होगा
Sadiya Guzar Gayi Kisi Ko Apna Bnane Me...
Magar Pal Bhi Na Laga Unhe Hamse Door Jane Me...
क्यों जिंदगी इस तरह तुम दूर हो गए
क्या बात है जो इस तरह मगरूर हो गए।
हम तरसते रहे तुम्हारा प्यार पाने को
बेवफा बनकर तुम तो मशहूर हो गए।।
Palkon Ki Hadd Ko Tod Kar Daaman Pe Aa Giraa,
Ek Ashq Mere Sabar Ki Toheen Kar Gayaa.