हम तो अकेले ही चले थे मंजिले सफर
लड़कियां मिलती रही शादियां होती गई।
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कबीर बेदी
मुझे तलाश हैं एक रूह की, जो मुझे दिल से प्यार करे
वरना इंसान तो पेसो से भी मिल जाया करते हैं |
आपकी मुस्कान हमारी कमजोरी है,
कह न पाना हमारी मजबूरी है।
आप क्यों नहीं समझते इस खामोशी को,
क्या खामोशी को जुबा देना जरूरी है।।
Happy Valentine's Day
Jabse Dekha Hai Najron Ne Aapko,
Inko Aur Kuch Bhi Najar Nahi Aata,
Na Jaane Kaisa Kiya Hai Jaadu Aapne,
Koi Aur Chehra Isko Nahi Bhata.